Health Benefits of Jamun in Hindi |
Health Benefits of Jamun in Hindi : जामुन एक ऐसा फल है जिसे लगभग हर भारतीय बखूबी जानता है। अंग्रेजी में Blackberry के नाम मशहूर जामुन न केवल एक फल है बल्कि कई छोटी-मोटी बिमारियों की हाथोहाथ दवा भी है। हमारे यहाँ बारिश के मौसम की शुरुआत होते ही जामुन बाजार में मिलने लगते है।
सामान्य: जामुन के फल छोटे और काले रंग के होते है लेकिन इसके अनगिनत फायदे और लाभ आयुर्वेद में दिए गए है जो न केवल सामान्य समस्या में लाभप्रद है बल्कि लिवर और डायबिटीज जैसे गंभीर रोग में बेजोड़ है।
आज इस लेख में हम जामुन के घरेलु नुस्खों और कुछ उपयोगी जानकारी के बारे में चर्चा करेंगे। तो चलिए सबसे पहले जामुन में मौजूद तत्वों के बारे में जानते है।
जामुन में मौजूद पोषक्तत्व : जामुन के फल में पानी, विटामिन A, विटामिन C, लोहतत्व यानि Iron, पोटेशियम (Potassium), सोडियम (Sodium), ज़िंक (Zinc) और अलग- अलग फ्लेवोनॉयड्स तथा पॉलीफेनोल्स जैसे तत्व अच्छी मात्रा में उपलब्ध होते है। 100 ग्राम जामुन के सेवन से शरीर को 62 कैलरी की ऊर्जा मिलती है।
जामुन औषधि के रूप में / Health Benefits of Jamun in Hindi
गुर्दे की पथरी : गुर्दे में पत्थर बनने की बीमारी जिसे पथरी भी कहा जाता है. उसमे जामुन बेजोड़ दवा है क्योंकि जामुन में मौजूद एसिड द्रव्य पथरी की पिघला कर बाहर निकाल देने में सहायक है. खास कर उन छोटे बच्चो में जामुन खाने की आदत डाल देनी चाहिए जो स्लेट में लिखने की पैन, व्हाइट चॉक या धूल खाने के आदि हो चुके हो.
दाँत की समस्या : अगर आपको दांत संबंधी शिकायत है तो जामुन के बीज का सेवन करना चाहिए. पायोरिया और दांत से खून बहने की समस्या में जामुन के बीज अक्सीर दवा के रूप में काम करते है.
दस्त : जामुन के रस को निकालकर पिने से पुरानी दस्त और पेट के दर्द में बड़ा फायदा मिलता है।
पीलिया : पीलिया के दर्दी को शरीर में लोहतत्व यानी Iron की कमी हो जाती है और जामुन में भरपूर मात्रा में लोहतत्व होता है। इसलिए पीलिया के दर्दी को जामुन का सेवन हितकारी है।
Health Benefits of Jamun in Hindi |
पित्त : पके हुए जामुन खाने से पित्त के दस्त मिट जाते है।
पिम्पल्स : जामुन के बिज को पानी में घिसकर चेहरे पर लगाने से पिम्पल्स और खिल दूर होते है।
डायबिटीज : अगर डायबिटीज की शुरुआत हो रही है तो रोज सुबह जामुन के पेड़ के चार-पांच पत्ते चबाकर खा जाएं। इससे रोग पर काबू पाया जा सकता है।
मलेरिया : जामुन का सिरका बनाकर पीते रहने से मलेरिया के बुखार में राहत मिलती है।
गले में सूजन : जामुन के छिलके को पानी में घीसकर उस पानी से कुल्ले करने से गले की सूजन कम होती है।
खून की शुद्धि : जामुन के फल नियमित खाते रहने से शरीर तंदुरुस्त बनता है। चेहरे पर तेज बढ़ता है और खून की शुद्धता होती है।
घाव : जामुन के छिलके को ताजे घाव पर तुरंत घिसने से राहत मिलती है।
रक्ताल्पता या पांडुरोग : जामुन के नियमित रूप से सेवन करते रहने से रक्ताल्पता के रोग में फायदा मिलता है।
पेट दर्द : जामुन के मर्यादित सेवन से मूत्र और पेट दर्द संबंधित समस्या से छुटकारा मिलता है।
जामुन खाने से पहले इधर भी ध्यान दें
# जामुन का अधिक मात्रा में सेवन करने से भी कोई विकृति नही होती ऐसा माना जाता है परन्तु यह भी कहा गया है की जामुन कभी खाली पेट नही खाने चाहिए। इसके अलावा जामुन खाने से पहले इस बातों का ध्यान रखना भी जरुरी है।
# जोड़ों के दर्द के मरीज, Sciatica (सायटिका) के मरिज, मिर्गी (Epilepsi - एपीलिप्सि) के मरीज, कब्ज के मरीज और पैरालिसिस के मरीज को जामुन नही खाने चाहिए।
# शरीर में सूजन के समय, मासिक के दिनों में और गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को जामुन खाने से परहेज करना चाहिए।
# गायकी से संबंध रखने वाली व्यक्ति को जामुन नही खाने चाहिए। इससे गला बैठने और स्वरपेटी की समस्या हो सकती है।
# जामुन के साथ नमक अथवा काली मिर्च का उपयोग हितकारी है।
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3 comments:
સરસ
सही है
nice bro, :)
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